देवता
देवता कौन है ? निवास कहाँ है इनका ?
इनका उत्थान और पतन कैसे होता है ?
शब्द "देवता" की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के "दिव्" शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है "प्रकाश" ।
अर्थात जो अपने कर्मो के प्रकाश से सम्पूर्ण संसार को देदीप्यमान कर दे वही देवता है ।
और देवता जहां रहते है वो स्वमेव स्वर्ग हो जाता है ।
देवताओ के उत्थान और पतन के बारे में "रामायण" में बाल्मीकि जी लिखते है । मनुष्य से उच्च योनि वाले जीवो का अच्छे कर्मो से उत्थान तो नही परन्तु बुरे कर्मो से पतन अवश्य होता है जबकि मनुष्य से निम्न योनि के जीवो का बुरे कर्मो से पतन नही परन्तु अच्छे कर्मो से उत्थान अवश्य होता है ।
इसे हम इस प्रकार समझ सकते है कि यही कोई सदाचारी सद्चरित्र व्यक्ति हो अगर वो एक गलती कर दे तो जनमानस उसकी अच्छाइयों को भूल कर उस एक गलती को लेकर दौड़ते है ।
और यदि कोई बुरा व्यक्ति एक काम अच्छा किया हो लाख का बुरे किये हो लोग उस एक अच्छाई की दुहाई देते है ।।
इनका उत्थान और पतन कैसे होता है ?
शब्द "देवता" की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के "दिव्" शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है "प्रकाश" ।
अर्थात जो अपने कर्मो के प्रकाश से सम्पूर्ण संसार को देदीप्यमान कर दे वही देवता है ।
और देवता जहां रहते है वो स्वमेव स्वर्ग हो जाता है ।
देवताओ के उत्थान और पतन के बारे में "रामायण" में बाल्मीकि जी लिखते है । मनुष्य से उच्च योनि वाले जीवो का अच्छे कर्मो से उत्थान तो नही परन्तु बुरे कर्मो से पतन अवश्य होता है जबकि मनुष्य से निम्न योनि के जीवो का बुरे कर्मो से पतन नही परन्तु अच्छे कर्मो से उत्थान अवश्य होता है ।
इसे हम इस प्रकार समझ सकते है कि यही कोई सदाचारी सद्चरित्र व्यक्ति हो अगर वो एक गलती कर दे तो जनमानस उसकी अच्छाइयों को भूल कर उस एक गलती को लेकर दौड़ते है ।
और यदि कोई बुरा व्यक्ति एक काम अच्छा किया हो लाख का बुरे किये हो लोग उस एक अच्छाई की दुहाई देते है ।।
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