दहेज़



एक लड़की की विदाई हो रही थी वो बहुत रो रही थी ।
मैं यही सोच रहा था आखिर अब के जमाने में इतना रोना क्यों ?
अब तो 3G और 4G का जमाना है अभी ससुराल पहुचते ही या फिर घर पहुचते ही फिर से मम्मी पापा से जुड़ जायेगी । मम्मी पापा से दुरी ज्यादा तो नही हो रही ।
कही ये यह सोचकर तो नही रो रही की मेरी ख़ुशी के लिए पापा ने सब कुछ न्योछावर कर दिया और सारी कमाई को दहेज़ के दानव के मुह में ठूस दिया । हां शायद यही सोचकर रो रही होगी ।
पर क्या आपने कभी सोचा की जिस लड़की को और उसके नातेदारों को आप दहेज़ के नाम पर इतना प्रताड़ित करते है वो आपके साथ जिंदगी कैसे बिताती है ?
क्या वो ख़ुशी ख़ुशी आपके साथ रहती है ?
या कही उसके मन में आपके प्रति घृणा होती है और उसकी मजबूरी होती है आपके साथ जीवन बिताना क्यों की उसके कुछ करने से उसके पापा की इज्जत पर आंच आएगी ।
और घरो के टूटने की एक बड़ी वजह ये भी है ।
विचार कीजिये इस दानव को कब मार रहे है आप ?
कन्या भ्रूण हत्या कम हुई सती प्रथा समाप्त हो गयी पर ये दहेज़ प्रथा दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ती जा रही है ।
समाज को स्थिर करने के लिए इसे खत्म करना होगा ।
धन्यवाद ।।

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