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Showing posts from February, 2019

कश्मीर और बाकी भारत - स्थितियां परिस्थितियां व विवेचना ।।

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मीडिया की नजर में जम्मू कश्मीर से आशय मात्र श्रीनगर के आस पास का क्षेत्र होता है लेकिन जानना जरूरी है वास्तव में जमीनी सच्चाई क्या है इसकी । जम्मू कश्मीर के पूरे राज्य को हम चार भागों में बांट सकते हैं लेह लद्दाख क्षेत्र, जम्मू क्षेत्र , कश्मीर क्षेत्र तथा पाक अधिकृत कश्मीर । इसमें से लेह लद्दाख क्षेत्र और जम्मू क्षेत्र शांत क्षेत्र है यहां पर कोई डिस्प्यूट नहीं है । ये भारतीयता के प्रबल समर्थक लोग है । उसके बाद आता है आता है पाक अधिकृत कश्मीर जो कि पाकिस्तान द्वारा जबरदस्ती कब्जा लिया गया था और मामला संयुक्त राष्ट्र में होने के कारण यथास्थिति बनाये रखी गयी है लेकिन पाकिस्तानी जुल्म के कारण वे लोग अत्यंत कष्ट में हैं अगर उन्हें बाहर से कोई सहायता मिल जाये तो वे स्वतन्त्र होने की इच्छा रखते हैं । अब बात करते हैं बाकी कश्मीर की बाकी बचा हुआ कश्मीर जो है उसमें श्रीनगर के आस पास का जो क्षेत्र है जिसमें श्रीनगर का लालचौक क्षेत्र, पुलवामा,बड़गाम, गंदेरबल तथा बारामुला और किश्तवाड़ का कुछ क्षेत्र है जो कि आतंकियों का गढ़ है कारण है कि सबसे ज्यादा शासक और प्रशासक इसी क्षेत्र से हैं और पैस

सफलता के दस (10) सूत्र

सफलता के 10 सूत्र - 1- मेहनत कीजिये । 2- मेहनत के दो परिणाम सामने आते हैं सफलता और असफ़लता । असफलता की दशा में निराश न हों । 3- असफलता यदि मिलती है तो उससे सीखें कहाँ त्रुटियां रह गईं जिसके कारण असफ़लता मिली । 4- ईश्वर के प्रति अस्थावान बने यह आपके आत्मबल को बढ़ाता है और आत्महत्या की प्रवृत्ति को घटाता है । 5- असफलता मिलने पर लोग सफलता के लिए छोटा रास्ता (शॉर्टकट) खोजने लगते हैं । यह बिल्कुल न करें यह आपको नैतिक रूप से भ्रष्ट तो बनायेगा ही साथ साथ आपके समय की बर्बादी और आपको मुश्किल में भी डाल सकता है । 6- मेहनत से संतुष्ट न हों किन्तु फल से सदैव सन्तुष्ट रहें । मेहनत के प्रति असंतोष आपमें मेहनत करने की जिजीविषा को बढ़ाएगी तथा फल के प्रति सन्तुष्टि आपको मानसिक तनाव से मुक्त रखेगी । 7- प्रत्येक परिस्थिति में ध्यान रहे कि कुछ भी नामुमकिन नहीं है किंतु हर कार्य उसकी सही मेहनत के आकलन के साथ शुरू करें । यदि आपका आकलन सही है तो हर कार्य आसान लगेगा अगर आपने कम आंका है मेहनत तो आपको कार्य कठिन लगेगा । 8- हर कार्य जरूरी नहीं कि सामने से जितना आसान दिखता है उतना हो उसमें अनेक परीक्

विज्ञान और धर्म

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Science And Religion "(विज्ञान और धर्म)" जैसा कि सर्वविदित है कि प्रत्येक सभ्यता में अनेक कारक होते हैं जो मानव के जीवन को प्रभावित करते हैं उनमें विज्ञान और धर्म भी समाहित हैं । विज्ञान शब्द का अर्थ होता है "विशिष्ट ज्ञान" तथा अंग्रेजी के शब्द रिलिजन की उत्पत्ति हुई है पुर्तगीज भाषा के शब्द "religare" से जिसका अर्थ होता है बंधना अर्थात मनुष्य को ईश्वर से बांधना । वास्तव में रिलिजन शब्द संस्कृत शब्द "धर्म" का अंग्रेजी अनुवाद है , महाभारत के कर्ण पर्व के अनुसार धर्म का अर्थ होता है "प्राणी मात्र के कल्याण के लिए धारणीय कर्तव्यों का समुच्चय" । अर्थात धर्म प्राणियों के कल्याण की एक अवधारणा का नाम है । अरुणा राय बनाम भारत संघ के वाद में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने धर्म को परिभाषित करते हुए धारित किया कि "धर्म जीवन जीने की पद्धति का नाम है  ।" यदि हम विश्व पटल पर देखें तो विज्ञान और धर्म के सम्बन्धों को स्पष्ट करने के दो परिदृश्य सामने आते हैं।  प्रथम है यूरोपियन परिदृश्य तथा द्वितीय है भारतीय परिदृश्य । यूरोपियन परिद