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Showing posts from August, 2017

अध्यात्म पथ से विचलन

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कुर्सी पर बैठे बैठे पता ही नहीं चला कैसे नींद आ गयी तभी किसी का हाथ सर पर महसूस हुआ आंखें खोली तो देखा शिव खड़े थे । मैंने अभिवादन किया और  आसन दिया । शिव बोले - हिमांशु क्या बात है बड़े विचलित नजर आ रहे हो  । कोई शोक हो तो निःसंकोच हमसे कह सकते हो । मैं बोला - हे शिव !आध्यत्म के पथ पर चलने वालों का विचलन देखकर दुःख होता है । आखिर ये है क्या कोई षड्यंत्र है अथवा नियति या कुछ और ? शिव मुस्कुराते हुए बोले - बस इतनी सी बात पर परेशान हो तो सुनो एक कथा सुनाता हूँ सुनो - किसी नगर में आत्माराम नाम का एक व्यक्ति रहता था उसके घर में काफी गन्दगी रहती थी । एक बार राजा की कृपा से उसे एक गाय प्राप्त हुई जिसका नाम श्रद्धा रखा । वह जप, तप, व्रत, यम, नियम और संयम नाम की घास करती थी उसका भाव नाम का बछड़ा था जिससे पेन्हाकर वह निवृत्ति के पात्र में उसका सेवक जिसका नाम विश्वास है परमधर्म नामक दूध दुहता था । निष्काम रूपी अग्नि पर खूब गर्म करता है । उसे संतोष की हवा से ठंडा करता था और क्षमा का जामन डालकर धैर्य रूपी दही जमाता है । आनन्दपूर्वक विचार रूपी मथनी, दम रूपी आधार और सत्यवचन रूपी रस्सी से उ

टूटे चरखे : लड़ाई आर्थिक आजादी की ।

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टूटे चरखे : लड़ाई आर्थिक आजादी की ========== 15 अगस्त 1947 को जब सूर्य उगा तो आजादी की पहली किरण थी भारत में सबने कहा हम आज़ाद हुए । हमारी अंतरिम सरकार के प्रथम प्रधनमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपना ऐतिहासिक सम्बोधन दिया राष्ट्र के नाम । ये लड़ाई इतनी आसान नहीं थी कि हम एक व्यक्ति को राष्ट्रनायक घोषित कर दें कि इन्ही ने आज़ादी दिलवाई न ही हम किसी एक पंथ को चाहे वो नरमपंथी हो या क्रांतिकारी इस आज़ादी का श्रेय दे सकते हैं । ये भारत की साझा लड़ाई थी और राष्ट्र के रामसेतु में पहाड़ रखने वाले हनुमान जी हो अथवा बालू का कण डालने वाली गिलहरी हो सब के सब हमारे लिए वंदनीय है वे हमसे श्रेष्ठ हैं उनका बलिदान हमसे बड़ा है राष्ट्र के लिए हमारे पास कोई अधिकार नहीं है किसी भी महामानव के चाहे सावरकर हो या गांधी अथवा आजाद या भगतसिंह अथवा नेता जी उनके स्वतंत्रता आंदोलन के कार्यो का मूल्यांकन करें । हमने कई तरह की स्वतंत्रता  की लड़ाई लड़ी एक साथ । मसलन- 1- राजनीतिक स्वतंत्रता , 2- सामाजिक स्वतंत्रता, तथा 3- आर्थिक स्वतंत्रता । हमने बेशक राजनीतिक स्वतंत्रता किस रीति से पाई क्रांतिकारी या नरमपंथी